Merry Christmas Review:
श्रीराम राघवन फिल्म बदलापुर और अंधाधुन जैसी उम्दा फिल्म देने के बाद अब साल 2024 में फिल्म मेरी क्रिसमस लेकर आ रहे हैं। श्रीराम राघवन द्वारा निर्देशित थ्रिलर फिल्म मैरी क्रिसमस में पहली बार कैटरीना कैफ और विजय सेतुपति एक साथ काम कर रहे हैं। फिल्म को हिंदी और तमिल में एक साथ फिल्माया गया है। मुंबईकर और जवान के बाद यह सेतुपति की तीसरी हिंदी फिल्म है। फिल्म में कैटरीना और विजय सेतुपति के अलावा संजय कपूर, विनय पाठक, प्रतिमा कन्नन और टीनू आनंद भी नजर आने वाले हैं. वहीं राधिका आप्टे और अश्विनी कालसेकर कैमियो भूमिका निभा रहे हैं.
फिल्म के मेकर्स पहले ही फिल्म का ट्रेलर और कई गानों को रिलीज कर चुकें हैं. जिन्होंने फिल्म की कहानी के बारे में उत्सुकता बढ़ा दी है. इस थ्रिलर फिल्म में रहस्य और रहस्य की झलक से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए है। फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे। यहां हम आपको बताने वाले है आपको ये फिल्म क्यों देखना चाहिए। 12 जनवरी कीफिल्म की रिलीज के बाद आपके मन में उठने वाले सभी सवालों का अंत हो जाएगा।
क्या है मैरी क्रिसमस की कहानी?
मैरी क्रिसमस की कहानी दो युवाओं की कहानी है। दोनों क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मिलते हैं. फिल्म में उनके मिलने के बाद इन दो युवाओं की पूरी दुनिया उनके अतीत की रहस्यमय घटनाओं के कारण बदल जाती है. ऐसा कारण तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा। फिल्म की कहानी काफी खास है। श्रीराम राघवन फिल्म बदलापुर, एक हसीना थी और अंधाधुन जैसी फिल्में बना चुके हैं। तो आपको ये तो अंदाजा होगा कि श्रीराम राघवन की फिल्मों की कहानी कैसी होती है। मैरी क्रिसमस की कहानी भी एक हसीना थी और अंधाधुन जैसी ही शानदार है।
कहानी की बात करें तो फिल्म में 24 दिसंबर की रात घटने वाली घटनाओं को दिखाया गया है। क्रिसमस वाली रात अलबर्ट (विजय सेतुपति) नाम का लड़का सात साल बाद बंबई आता है। वह एक आर्किटेक्ट है और वह अब तक दुबई में रह रहा था. बंबई में एल्बर्ट का घर है, लेकिन उसमें उसके साथ रहने वाली मां चल बसी है. क्रिसमस ईव पर वह अपने पड़ोसी से मिलता है, फिर घर में बैठने के बजाए वह बाहर घूमने का फैसला करता है. वह रेस्टोरेंट में खाना खाने जाता है। जहां उसकी मुलाकात मरिया (कटरीना कैफ) से होती है। जो अपनी बेटी एनी के साथ अकेले बैठी होती है। इसके बाद मारिया जहां भी जाती है, एल्बर्ट उसका पीछा करता है और उससे बात करने की कोशिश करता है। मरिया और अलबर्ट की दोस्ती हो जाती और मरिया उसे क्रिसमस पर अपने घर आने का न्योता देती है। क्रिसमस पर दोनों खूब डांस करते हैं, ड्रिंक करते हैं, पास्ट की बातें करते हैं। फिर कुछ ऐसा होता है जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी, जिसकी वजह से दोनों की जिंदगी हमेशा-हमेशा के लिए बदल जाती है।
मैरी क्रिसमस में कैटरीना कैफ और विजय सेतुपति की एक्टिंग
मैरी क्रिसमस में विजय सेतुपति को देखने पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि वह एक्टिंग कर रहे हैं। उन्होंने देख कर ऐसा लग रहा था कि वह किरदार को जी रहे हैं। फिल्म में उनके डायलॉग्स, वन लाइनर्स, एक्सप्रेशंस…सब कमाल का है। फिल्म में कटरीना ने भी बेहतरीन काम किया है। इसके अलावा संजय कपूर, टीनू आनंद, विनय पाठक, अश्विनी कालसेकर और प्रतिमा काजमी ने भी अच्छा काम किया है।
श्रीराम राघवन का डायरेक्शन
‘मेरी क्रिसमस’ की कहानी को डायरेक्टर श्रीराम राघवन ने अर्जित बिस्वास और पूजा लढा सुरति के साथ मिलकर लिखा है. श्रीराम राघवन ने राइटिंग पर ज्यादा ध्यान दिया है। पूरी फिल्म में डेप्थ नजर आती है। छोटी-छोटी बारीकियां दिखाई पड़ती हैं। फिल्म देखते वक्त आपका ध्यान इन छोटी-छोटी बारीकियाें पर जरूर जाएगा। जिससे आप फिल्म के क्लाइमैक्स को समझ पाएंगे। फिल्म देखकर आपको समझ आ जाएगा कि अच्छी राइटिंग क्या होती है. फिल्म लेखक Frédéric Dard की किताब Le Monte-charge पर आधारित है।
श्रीराम राघवन ने फिल्म की कहानी को इतने अच्छे से लिखा है कि कटरीना के अपार्टमेंट की हर चीज को एक किरदार की तरह ट्रीट किया गया है। जैसे अपार्टमेंट का हरा वॉलपेपर, क्रिसमस ट्री, फिश बाउल में मछलियां, टेडी बियर, ओरिगामी से बनी हंस आदि फिल्म में कोई ना कोई रोल निभा रहे हैं। इन सभी को डेनियल बी जॉर्ज के बैकग्राउंड म्यूजिक और भी खास बनाता है।
श्रीराम राघवन ने ‘मेरी क्रिसमस’ से हिंदी फिल्मों को भी ट्रिब्यूट दिया है. जैसे सड़क पर लगा अमिताभ बच्चन का एंग्री यंग मैन वाला कट आउट, लक चेक करने की मशीन से निकला राजेश खन्ना का कार्ड, एक सीन में 1973 में आई फिल्म ‘राजा रानी’ का गाना जब अंधेरा होता है आधी रात के बाद को इस्तेमाल किया गया है. फिल्म का क्लाइमैक्स लगभग 30 मिनट लम्बा है।
देखें या नहीं?
अगर आपको श्रीराम राघवन की अंधाधुन पसंद आई है, तो यह फिल्म आपको जरुर देखनी चाहिए। इस फिल्म की कहानी आपको अपनी सीट से उठने नहीं देगी। श्रीराम राघवन की हर फिल्म की तरह इसका क्लाइमैक्स भी आउट ऑफ द बॉक्स है।